
मार्कण्डेय ने कहा कि इस व्रत को करने से तुम्हारे जीवन के सभी पाप खत्म हो जाएंगे और तुम्हे दोबारा से स्वर्ग लोक की प्राप्ति हो जाएगी। माली ने ठीक वैसा ही किया जैसा कि ऋषि ने बताया था। इसके बाद भगवान विष्णु ने उसके समस्त पापों को क्षमा करके उसे दोबारा से स्वर्ग लोक में स्थान दिया। 🙏 #राधे #राधे 🙏

इसके बाद वह धरती पर आ गिरा, जिसकी वजह से उसे कुष्ठ रोग हो गया और उसकी स्त्री भी चली गई। वह कई वर्षों तक धरती पर कष्टों का सामना करता रहा। एक बार माली को मार्कण्डेय ऋषि के दर्शन हुए। तब उसने अपने जीवन की सभी परेशानियों को बताया। ऋषि माली को बातों को सुनकर आश्चर्य हुआ। ऐसे में मार्कण्डेय ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में बताया।
